स्‍वागत है आपका

आप आये लगा बहार आई है ऐसे ही आते रहना श्रीमान हमें खुशी होगी


सोमवार, 18 फ़रवरी 2013

मेरी किताब


दोस्‍तो
नमस्‍कार
यह बताते हुये काफी खुशी हो रही है कि सामूहिक कार्य में जो खुशी मिलती है वह अकेले में कहां टीक उसी तर्ज पर मित्र सत्‍यम शिवम के द्वारा सम्‍पादित हम 40 महिला व पुरूष कवि यों की पुस्‍तक शब्‍दों की चहलकदमी का विश्‍व पुस्‍तक मेलें में भव्‍य तरीके से विमोचन हुआ यह पुस्‍तक ज्‍योति पर्व प्रकाशन गाजियाबाद से प्रकाशित हुई है जिसका मूल्‍य है 400 रूपये
पुस्‍तक के लिऐ प्रकाशक ,संपादक या फिर मेरे से सम्‍पर्क कर सकते हैं

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मनमोहन कसाना - संपादक गुर्जर प्रवक्‍ता

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