स्‍वागत है आपका

आप आये लगा बहार आई है ऐसे ही आते रहना श्रीमान हमें खुशी होगी


शनिवार, 20 अक्तूबर 2012

लघु अखबार

                                                           लघु अखबारों का काफी चलन हो गया है हिन्‍दी में, कई भाई तो सिर्फ बस नाम के लिए निकालते हैं तो कई भाई इसे धन्‍धा समझके निकालते हैं  कुछ  जो मुददे वो शुरू में उठाते हैं उनको आगे तक कायम नहीं रखते हैं बस छोटे मोटे विज्ञापन लेकर ढकमलते रहते हैं तो काफी सारे बंद हो जाते हैं
          अबकी मेरे हाथ में भी कई महिने पहले पढा साप्‍ताहिक अखबार ''राजस्‍थान की राजनिति '' लगा उलट पलट कर देखा तो वही धार मिली और फिर मेरी भी इच्‍छा हो गई कि क्‍यों न कोशशि की जाये फिर से खबरची बनने की आप पढो  लिंक है - राजस्‍थान की राजनिति     पेज साभार www.rajasthankirajneeti.com
                                                  

1 टिप्पणी:

मनमोहन कसाना - संपादक गुर्जर प्रवक्‍ता

आप सभी का तहे दिल से स्‍वागत है आप अपनी राय खुलके दें , मोबाईल नम्‍बरः - 09672 281 281 , 09214 281 281 और मेल आई डी है manmohan.kasana@gmail.com धन्‍यवाद